(30 दिसंबर 2010) साल के अंत होते-होते मनिहारी को भारतीय रेल द्वारा मिला उपहार! यह दृश्य जो आप देख रहें हैं यह कहीं और का नहीं बल्कि मनिहारी का है, जहाँ साल भर से रेल परिचालन बंद है! सालभर से भी अधिक रेल बंद होने के बाद यहाँ अब जोर-सोर से काम चल रहा है! काम के रफ़्तार को देखकर यह लगता है क़ि अब वो दिन दूर नहीं है जब मनिहारी में फिर से रेल का परिचालन शुरू हो जायेगा! हम आपको यह बता दें क़ि मनिहारी में पहले छोटी लाइन थी, जिसमे रेल चलती थी! लेकिन पिछले साल ही यहाँ छोटी लाइन से बड़ी लाइन बनाने के लिए रेल परिचालन को बंद किया गया था, लेकिन अब लगता है क़ि बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी दौड़ने लगेगी! जिसके पहल में आज यहाँ पहली बार बड़ी लाइन का इंजन चलाया गया! इंजन आने के बाद यहाँ मनिहारी वासियों में एकबार फिर से खुशी क़ि लहर दौर गयी क़ि अब बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी चलने लगेगी! जहाँ एक ओर मनिहारी क़ि जनता में खुशी देखी गयी वहीं इंजन लाने वाले लोको-पायलट तथा काम करने वाले मजदूरों में भी ख़ुशी देखी गयी! इस इंजन को देखने बच्चे-बूढ़े, महिलाएं तथा सभी वर्ग के लोग यहाँ आये थे यहाँ देखकर ऐसा लगता था मानो मेला लगा हो ! युद्ध स्तर से कार्य होने के बाद अब यह देखना है क़ि मनिहारी में रेलगाड़ी का परिचालन कब से शुरु होती है! देखा जाए तो लगभग काम पूरा ही हो चूका है!
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
Information, News
(30 दिसंबर 2010) साल के अंत होते-होते मनिहारी को भारतीय रेल द्वारा मिला उपहार! यह दृश्य जो आप देख रहें हैं यह कहीं और का नहीं बल्कि मनिहारी का है, जहाँ साल भर से रेल परिचालन बंद है! सालभर से भी अधिक रेल बंद होने के बाद यहाँ अब जोर-सोर से काम चल रहा है! काम के रफ़्तार को देखकर यह लगता है क़ि अब वो दिन दूर नहीं है जब मनिहारी में फिर से रेल का परिचालन शुरू हो जायेगा! हम आपको यह बता दें क़ि मनिहारी में पहले छोटी लाइन थी, जिसमे रेल चलती थी! लेकिन पिछले साल ही यहाँ छोटी लाइन से बड़ी लाइन बनाने के लिए रेल परिचालन को बंद किया गया था, लेकिन अब लगता है क़ि बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी दौड़ने लगेगी! जिसके पहल में आज यहाँ पहली बार बड़ी लाइन का इंजन चलाया गया! इंजन आने के बाद यहाँ मनिहारी वासियों में एकबार फिर से खुशी क़ि लहर दौर गयी क़ि अब बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी चलने लगेगी! जहाँ एक ओर मनिहारी क़ि जनता में खुशी देखी गयी वहीं इंजन लाने वाले लोको-पायलट तथा काम करने वाले मजदूरों में भी ख़ुशी देखी गयी! इस इंजन को देखने बच्चे-बूढ़े, महिलाएं तथा सभी वर्ग के लोग यहाँ आये थे यहाँ देखकर ऐसा लगता था मानो मेला लगा हो ! युद्ध स्तर से कार्य होने के बाद अब यह देखना है क़ि मनिहारी में रेलगाड़ी का परिचालन कब से शुरु होती है! देखा जाए तो लगभग काम पूरा ही हो चूका है!
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शुक्रवार, दिसंबर 31, 2010
(30 दिसंबर 2010) साल के अंत होते-होते मनिहारी को भारतीय रेल द्वारा मिला उपहार! यह दृश्य जो आप देख रहें हैं यह कहीं और का नहीं बल्कि मनिहारी का है, जहाँ साल भर से रेल परिचालन बंद है! सालभर से भी अधिक रेल बंद होने के बाद यहाँ अब जोर-सोर से काम चल रहा है! काम के रफ़्तार को देखकर यह लगता है क़ि अब वो दिन दूर नहीं है जब मनिहारी में फिर से रेल का परिचालन शुरू हो जायेगा! हम आपको यह बता दें क़ि मनिहारी में पहले छोटी लाइन थी, जिसमे रेल चलती थी! लेकिन पिछले साल ही यहाँ छोटी लाइन से बड़ी लाइन बनाने के लिए रेल परिचालन को बंद किया गया था, लेकिन अब लगता है क़ि बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी दौड़ने लगेगी! जिसके पहल में आज यहाँ पहली बार बड़ी लाइन का इंजन चलाया गया! इंजन आने के बाद यहाँ मनिहारी वासियों में एकबार फिर से खुशी क़ि लहर दौर गयी क़ि अब बहुत जल्द ही यहाँ रेलगाड़ी चलने लगेगी! जहाँ एक ओर मनिहारी क़ि जनता में खुशी देखी गयी वहीं इंजन लाने वाले लोको-पायलट तथा काम करने वाले मजदूरों में भी ख़ुशी देखी गयी! इस इंजन को देखने बच्चे-बूढ़े, महिलाएं तथा सभी वर्ग के लोग यहाँ आये थे यहाँ देखकर ऐसा लगता था मानो मेला लगा हो ! युद्ध स्तर से कार्य होने के बाद अब यह देखना है क़ि मनिहारी में रेलगाड़ी का परिचालन कब से शुरु होती है! देखा जाए तो लगभग काम पूरा ही हो चूका है!
बुधवार, 17 नवंबर 2010
Tourist Places
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बुधवार, नवंबर 17, 2010
गोगाबील झील कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड से 8 क़ि० मी० दूर स्तिथ है ! इस पक्षी विहार में धनुषाकार झील (ox-bow lake) है, जिसका नाम गोगाबील है उसी के नाम पर इस पक्षी विहार का नामांकरण हुआ ! 1990 ई० में यहाँ आने वाले पक्षियों की बड़ी संख्या को देखकर इसे पक्षी विहार घोषित किया गया !
इसका क्षेत्रफल 217.99 एकड़ है ! इस झील के चौहद्दी इस प्रकार हैं ! पूरब में बनगंवा, पश्छिम में मरुआ ,(भेड़ीयाही) , उत्तर में नीमा, एवं दक्षिण में सुरापारटाल है ! इस झील क़ि सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ रूस तथा अन्य देशो से लगभग 300 प्रकार के पक्षी यहाँ पहुचते है ! लाल रीवाले ग्रीव, पोटचार्ड , स्पाटवील , टील ,कूट , और ब्रहुमानी हंस प्रमुख हैं !
यहाँ की देखरेख करने के लिए C.G GUARD मो० सीताउद्दीन को नियुक्त किया गया है ! वे सुरापार टाल के निवासी हैं !1995 से इनको जन-लक्ष्य संस्था विनोदपुर (कटिहार) के द्वारा कार्य पर लगाया गया है ! 750 रु प्रतिमाह आने जाने का किराया तथा इनको और इनके परिवार वालों को मेडीकल की सुविधा उपलब्ध है ! जब हमारे टीम ने इनसे बात की तो इन्होने बताया की इनको झील के पास निगरानी रखने के लिए एक आवास तथा नाव की जरूरत है ! इनका कहना है की घर से आने जाने में बहुत दिक्कत होती है ! इनके यहाँ न होने पर लोग मछलिया भी मारने लगते हैं जिससे यहाँ आने वाले पक्षी हरककर भाग जाते हैं ! जिससे पक्षियों की संख्या में कमी हो जाती है !
हरेक महिना यहाँ एक बार भागलपुर से पानी जांचकर्ता आतें हैं ! अपनी जांच प्रक्रिया के दौरान वे पुरे झील का सर्वेक्क्षण करते हैं और सर्वेक्षण करने के पश्चात वे पुनः चले जातें हैं ! मो० सीताउद्दीन जी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया की जनवरी, फ़रवरी, मार्च , अप्रेल में पक्षियों की कलरव मन को अति प्रशन्न कर देता है ! पक्षियों की इतनी अनेक प्रकार और संख्या शायद ही कहीं देखने को मिलता हो ! वे पक्षियों के पूरा नाम ही हमें बता दिए जिनमे से हम कुछ नाम यहाँ लिख रहे हैं ! लालसार , पेंटल, पचार, डोकहर, बड़ा सिलिक, छोटा सिलिक, सीरियल चाह, बटहर , टिटही, पंतवा, बगुला, मंचरंगा और भी बहुत है जो हमें सीताउद्दीन जी ने लिखाये हैं !
अंततः हम यह कहना चाहेंगे की आप यहाँ जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच जरूर आयें और इस झील का तथा इस पक्षी विहार का आनंद उठा सकें ! हम बिहार सरकार से भी इस झील को और बेहतर बनाने क़ि अपील करते हैं ! मनिहारी वासियों के ओर से भी इसे बेहतर बनाने तथा इसे विकशित करने क़ि गुजारिस करतें हैं !
झील |
बगुला के प्रजातियाँ |
बनभोज करते लोग |
अंततः हम यह कहना चाहेंगे की आप यहाँ जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच जरूर आयें और इस झील का तथा इस पक्षी विहार का आनंद उठा सकें ! हम बिहार सरकार से भी इस झील को और बेहतर बनाने क़ि अपील करते हैं ! मनिहारी वासियों के ओर से भी इसे बेहतर बनाने तथा इसे विकशित करने क़ि गुजारिस करतें हैं !
अधिक जानकारी के लिए कृपया Gogabil Jhil की वेबपेज पर जाए !
टिंकू कुमार चौधरी
सहयोगी
रुपेश, प्रदीप, उत्तम
फोटो संग्रहकर्ता - श्रवन, मृगेंद्र कुमार
टिंकू कुमार चौधरी
सहयोगी
रुपेश, प्रदीप, उत्तम
फोटो संग्रहकर्ता - श्रवन, मृगेंद्र कुमार
सोमवार, 8 नवंबर 2010
News
छठ पूजा(मनिहारी) :- छठ बिहार का सबसे पवित्र पर्व के रूप में माना जाने वाला त्योहार है ! मनिहारी में इसका एक अलग ही रूप देखा जा सकता है ! मनिहारी घाट में स्नान करने के लिए छठव्रतियों भीड़ जम चुकी है ! आज मनिहारी में भीड़ को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है की मनिहारी में इसका कितना महत्व है !कटिहार,अररिया ,किशनगंज, फारविसगंज , पछिम बंगाल , तथा नेपाल से लोग यहाँ छठ के स्नान के लिए आ रहें हैं ! बस स्टैंड से लेकर घाट तक तक पूरा भीड़ ही भीड़ है ! बस स्टैंड के पास प्रशासन व्यवस्था की गयी है ! बस-स्टैंड(मनिहारी) ब्लाक के पास वाहनों को रोकने का प्रबंध किया गया है ! मनिहारी बड़ी लाइन का कार्य प्रगति में होने के कारण अभी कटिहार से सभी छठव्रतियों को बस , टेम्पू, ट्रक, ट्रक्टर, टाटा, मेजिक तथा निजी वाहनों से आना पर रहा हैं ! रोड में इतनी भीड़ है की कटिहार आने-जाने के लिए वाहनों की कमी पड़ गयी है ! छठव्रती अपने जान को जोखिम में डालकर भी यहाँ स्नान करने के लिए आ रहें हैं ! छठ के लिए दुकाने सज चुकी है ! दुकानों में भीड़ को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है, की मनिहारी में छठ के के स्नान के लिए कितना प्रसिद्ध है !
टिंकू कुमार चौधरी
मनिहारी
Welcome To Manihari
सोमवार, नवंबर 08, 2010
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मनिहारी घाट |
टिंकू कुमार चौधरी
मनिहारी
गुरुवार, 4 नवंबर 2010
Article
Welcome To Manihari
गुरुवार, नवंबर 04, 2010
हम निवासी हैं भारत देश के और यह देश धर्मपरायण देश है ! यह वही देश है जहाँ प्रभु श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था, यह वही भूमि है जहाँ रावण का वध करने वाले श्रीरामचंद्र ने जन्म लिया था, यह वही भूमि है जिसने भगवन बुद्ध को जन्म दिया, और यह वही धरती है जिसने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले हमारे राष्ट्रीय पिता महात्मा गाँधी को जन्म दिया !
"तमसो माँ ज्योतिर्गमय"
भारत देश में सभी धर्मो के लोग रहतें हैं और सभी मिलजुलकर सभी पर्वों को मनाते हैं! दीपावली इनमे से ही प्रमुख है! दीपों का पर्व दीपवाली अंधकार को मिटाने का प्रतिक है ! कार्तिक महीने के अमावस्या को यह पर्व मनाया जाता है! कहते हैं इसी दिन प्रभु श्री रामचंद्र जी रावण का वध करके अयोध्या लौटे थें! उन्हीं के आने क़ि ख़ुशी में अयोध्या के साथ-साथ समस्त भारत में घी के दिए जलाये गए ! उसी दिन से दीपावली मनाया जाने लगा !
दीपावली के दिन शाम होते ही असंख्य दीपक जगमगा उठते हैं ! बच्चे अतिसबाजियां शुरू कर देते हैं, आवाज के कारण मानो कान के परदे फटने लगते हैं ! 7-8 बजे रात तक पूजा शुरू हो जाती है ! पूजा करने के बाद लोग अपने दोस्त बंधू को मिठाई खिलाते हैं और खुद खाते हैं! जितना दीपावली के अवसर पर उत्साह देखने को मिलता है, शायद उतना उत्साह किसी त्योहार में देखने को मिलता हो!
हम अपने सभी पाठकों को दीपावली क़ि बधाई देना चाहते हैं! दीपावली को दिए के साथ मनाये न क़ि प्रदुषण फ़ैलाने वाले पटाखों से! जरा सोचिये पटाखों से कितनी हानिकारक धुएं निकलतें हैं और हमारे वातावरण को प्रदुषित करता है! इसलिए दीपावली दीयों के साथ मनाये !
टिंकू कुमार चौधरी
शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010
Article
छोटा परिवार भैया, सुख के आधार हो !
Welcome To Manihari
शुक्रवार, अक्टूबर 29, 2010
बड़ा परिवार भैया, झंझट हजार हो !!
तबहू न माने भैया, देश के परिवार हो !
ना कोई पढ़े-लिखे, देखें देश संसार हो !!
अनपढ़ के ठगे भैया, प्रदेश के गवार हो !
बड़ा परिवार के कारण, होयलय दुःख आपर हो !
बड़ा परिवार के कारण, होयलय दुःख आपर हो !
छोटा परिवार भैया, सुख के आधार हो !
बेटा पढ़े बेटी पढ़े और पढ़े पूरा परिवार हो !!
अशिक्षा के कारण भैया, रहलय देश गुलाम हो !
अबहूँ से जाग भैया, परिवार छय आपार हो !!
छोटा परिवार भैया, मिलते सुख हजार हो !
बड़ा परिवार के कारण, निर्धन, अनपढ़ आपार हो !!
छोटा परिवार भैया, सुख के आधार हो !
बड़ा परिवार भैया, झंझट हजार हो !!
कवि प्रदीप
बुधवार, 27 अक्टूबर 2010
Information
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बुधवार, अक्टूबर 27, 2010
महिला सशक्तिकरण अभियान
महिला सशक्तिकरण अभियान केंद्र सरकार दिशा निर्देश पर आधारित तथा महिला एवं बाल बिकास मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना पर कार्य कर रही है ! संस्था सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं के चौमुखी विकाश के लिए अपने कदम मजबूती से बढ़ा रही है !
"हमारा उद्देश्य"
सोच बदलें देश बदलें, निर्माण नए भारत की
"शक्तिकरण की शक्ति"
हमारा प्रथम प्रयास..................................
हम सभी भारत देश के निवासी हैं और हमारा देश सदियों से पुरुष प्रधान देश कहलाता है मगर प्रधानता को अगर बारीकी से देखा जाए तो घर से लेकर समाज तक महिलाओं की भूमिका पुरुष से कहीं ज्यादा अहम है ! तभी तो इन्हें जन-जननी कहा जाता है ! अति कोमल हृदय एवं भावुक मन रखने वाली नारी अपनी कोमलता एवं भावनाओं के बीच खुद को दबी-कुचली महसूश कर रही है !
महिला सशक्तिकरण अभियान समाज की वर्तमान मांग को देखते हुए सबसे अलग तरीके से कार्य कर रही है ! हम खुद को जमीनी स्तर से जोड़कर कार्य करने में विश्वास रखतें हैं ! "कहा जाता है क़ि अगर जमाने के साथ चलना है तो अपनी सोच को समय के अनुसार बदलना होगा ", तभी आप समाज क़ि मुख्यधारा में अपने आपको खड़ा कर पायेंगे ! एक प्राचीन कहावत है - "जब जागो तब सवेरा" इस कहावत से हमें बहुत कुछ सीख लेनी चाहिए इन्सान को अपनी पिछली जींदगी को देखकर कभी मायूस नहीं होना चाहिए , बल्कि आगे देखिये आपका स्वर्णिम भविष्य आपका इंतजार कर रही है ! जरा अपने सामने नजर उठाइए और देखिये "महिला सशक्तिकरण अभियान " आपको अपने प्रोजेक्ट के तहत हर तरह से सहायता करने के लिए तैयार है ! "हम आपको समाज में खुलकर जीने का हक़ दिलायेंगे" ! यही हमारा संकल्प है यही हमारा प्रयास भी !"
जब इस संदर्व में हमने मनिहारी ब्लाक महिला सशक्तिकरण अभियान के block co-rdinator प्रदीप चौधरी से बात क़ि तो उन्होंने कहा क़ि महिलाओं को अपने समाज में शसक्त बनाने बनाने में मेरा योगदान हमेशा रहेगा ! हम चाहते हैं की महिला हमारे समाज में पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चले !
मनिहारी से इस कार्य को पूरा करने के लिए कार्यरत मनिहारी क़ि महिलाएं !
नाम पिता/पति का नाम पंचायत
- शोभा कुमारी राकेश सिंह नवाबगंज
- पुष्पा कुमारी महाबीर शाह दिलारपुर
- ममता कुमारी विश्वनाथ चौधरी बाघमारा
- सन्युक्ता कुमारी परमानन्द मंडल केवाला
- डेजी देवी पप्पू यादव बघार
- अंजना चौधरी अजित चौधरी दक्षिणी कन्ताकोष
- शशिरंजना देवी अरविन्द मंडल नारायणपुर
- आराधना सिंह अमरप्रताप सिंह कुमारीपुर
- पोलिना हेमब्रम हंजू किस्कू फतेहनगर
- सीमा देवी रामचंद्र मंडल धुरियाही
- चंचल देवी प्रवेश रॉय मनोहरपुर
- चन्द्रवती देवी प्रकाश शर्मा बोलिया
- सलोमी बासकी तिमोथी बासकी नीमा
- बंदना देवी राजेंद्र यादव उत्तरी कन्ताकोष
हमारा प्रयास, आपका साथ
अत्याचार से हो जाये दो-दो हाथ !
जब महिला हो जागृत ,
तब होवे विकाश !
Unit of caretel society प्रदीप कुमार चौधरी
Regd from Govt. of Block co-ordinator
National capital territory(NCT) of delhi (India) (mahila shasaktikaran abhiyaan)
Regd.No.-S/68516 Manihari
Regd. from Govt of Bihar 09570545090, 09472066623
Under trust registration Act-1882
Reg. No.-513
गुरुवार, 21 अक्टूबर 2010
Information, Tourist Places


टिंकू कुमार चौधरी
लेखन सहयोगी
प्रदीप,गोविन्द,उत्तम पासवान एवं गोपाल जयसवाल
Welcome To Manihari
गुरुवार, अक्टूबर 21, 2010

कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड में अवस्थित पीर पहाड़ पर एतिहासिक "बाबा हजरत जीतनशाह रहमतुल्लाअलेह" का मजार स्थित है! यह मनिहारी रेलवे स्टेशन से लगभग 50 मी० की दुरी पर स्तिथ है! लगभग 60 फिट ऊँचे इस एतिहासिक पहाड़ पर सन 1338 ई० में पीर मजार के भवन का निर्माण कराया गया! ऐसा माना जाता है कि, मनिहारी निवासी स्व० अतुल मुखर्जी ने यहाँ आकर कुछ मन्नतें मांगी थी! उन्होंने कहा था कि, यदि मेरी मुराद पूरी हो जाएगी तो मैं बाबा के मजार पर भवन का निर्माण प्रशंतापुर्वक करवाऊंगा! बाबा कि महिमा अपरमपार थी उनकी मुरादें पूरी हो गयी, तो उन्होंने अपने कथनानुसार सन 1338 ई० भवन का निर्माण पीर पहाड़ पर करवाया, जो मनिहारी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया! तभी से लेकर आज तक लोग यहाँ आते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं! एक रस्म के अनुसार यहाँ आनेवाले पत्थर के टुकड़े को कपडे से बांध कर अपनी मन्नतें मांगतें हैं और जब उनकी मुराद पूरी होती है तो वो पुनः आतें हैं और प्रसाद,चादर इत्यादि चढातें है! यहाँ के सेवक(खादिम ) मो० सफिउद्दीन हैं, जो यहाँ के देख-रेख करतें हैं! राष्ट्रिय सम विकाश योजना से पीर मजार पर प्रशाल, सीढ़ी एवं सुरक्षात्मक कार्य 07-11-2010 को संपन्न हुआ!

इस मजार पर हर जाति, हर मजहब के लोग सालों भर आते रहतें हैं! इस मजार सरीफ में हर वर्ष सालाना उर्स मुबारक 25 सव्वल को मनाया जाता है, जिसमे कव्वाली और जलसा का भी आयोजन होता है! उत्तरी बिहार के सबसे ऊँचा इस पहाड़ पर प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण अनेक पेड़ हैं ! यहाँ अधिकतर इमली, आम, और अनेक प्रकार के जड़ी-बूटियों के पोधें हैं ! इसके पीछे लगभग 40 मी० दुरी से गंगा नदी बहती है! सावन के महीने में "बाबा हजरत जीतनशाह रहमतुल्लाअलेह" के मजार को गंगा नदी छु कर गुजरती है, जो इसके सुन्दरता को और बढ़ा देती है! पीर मजार के पीछे निचे में गुफा जैसा बना हुआ है, जिसमे से चुना पत्थर खल्ली निकलता था! पीर मजार के सामने एक कुआं है, उस कुआं का पानी जैसे मुख में लेतें हैं पानी मीठा होने के कारण मन को शांति मिलती है! इसके सटे हुए बी०पी०एस०पी० उच्च विद्यालय स्थित है !
टिंकू कुमार चौधरी
लेखन सहयोगी
प्रदीप,गोविन्द,उत्तम पासवान एवं गोपाल जयसवाल
मंगलवार, 19 अक्टूबर 2010
Information, Tourist Places
Welcome To Manihari
मंगलवार, अक्टूबर 19, 2010
मनिहारी उत्तरवाहिनी गंगा नदी सदियों से प्रसिद्ध है ! यह नदी मनिहारी (बिहार) तथा साहिबगंज (झारखण्ड) को एक सूत्र में बांधती है! वैसे तो यहाँ भक्तों का ताँता सालोभर लगा रहता है, लेकिन यहाँ माघी पूर्णिमा, बोलबम, छठ पूजा में इतनी भीड़ होती है कि यहाँ आने-जाने वाली साधनो की कमी पर जाती है! यहाँ नेपाल, पश्चिम बंगाल, जोगबनी, फॉरबिसगंज, राधिकापुर, किशनगंज, बारसोई, कटिहार तथा आस पड़ोस के तथा भारत के कई कोने से लोग यहाँ आते हैं!
माघी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, छठ पूजा में यहाँ के भीड़ को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है क़ि धार्मिक दृष्टी से इस नदी क़ि कितनी महत्ता है ! ऐसा माना जाता है की इस नदी में स्नान करने से किये गए पापों से मुक्ति मिलती है, और मन को शांति मिलती है ! मनिहारी (बिहार) तथा साहेबगंज (झारखण्ड) को जोड़ने वाली इस नदी पर पानीवाला जहाज (एल-सिटी) चलता है ! मनिहारी से साहेबगंज जाने के लिए भी इस नदी क़ि बहुत महत्व है ! वैसे तो इस नदी पे मनिहारी से साहेबगंज के बीच पुल बनाने क़ि मांग तो दशकों से चली आ रहा है जिससे क़ि साहेबगंज और मनिहारी के बीच क़ि दुरी और कम जायेगी, जहाँ एल-सिटी से जाने पर लगभग एक घंटा लगता है इससे यही अनुमान लगाया जा सकता है क़ि पुल बनने पर सीधे ही आधी समय लगेगी ! जब किसी का देहांत हो जाता हैं तो अंतिम संस्कार करने के लिए भी दूर-दूर लोग आते हैं ! हम तो बस यही कहेंगे क़ि यहाँ आप जरूर आयें क्योकि यहाँ स्नान करने से मन को कितनी शान्ति तथा शरीर की रोम रोम खिल पड़ता है !
आप यहाँ निजी वाहन, बस, रेल, टेम्पू से भी आ सकतें हैं ! यहाँ आने के लिए आपको कटिहार जंक्शन रेलवे स्टेशन आना होगा, जहाँ भारत के लगभग सभी कोने से रेलगाड़ी का आवागमन होता है, उसके बाद आपको मनिहारी के लिए रेलगाड़ी या कोई सवारी गाडी से 25 की०मी० दक्षिण क़ि ओर जाना है, बस आप पहुँच जायेंगे मनिहारी !
और हाँ जब आप मनिहारी आयें तो आप गंगा नदी के साथ-साथ पीर पहाड़ तथा गोगाबील झील जरूर देखें क्योंकि ये दोनों भी पर्यटन के लिए उचित स्थान है !
Team Welcome to Manihari
सोमवार, 18 अक्टूबर 2010
Article
Welcome To Manihari
सोमवार, अक्टूबर 18, 2010
दुर्गा पूजा के समापन के बाद अब समय आ गया है, की जब चुनाव जैसे महापर्व में अपनी बहुमूल्य मताधिकार का प्रयोग करें और अपने आनेवाले ५ वर्षों को खुशहाल बनाने के लिए, एक ऐसे नेता की चुनाव करें की जो हमारे लिए एक ऐसे भविष्य का निर्माण जिसमे हम खुशी - ख़ुशी जी सकें ! तो आने वाले चुनाव में अपने मताधिकार का सही प्रयोग करें और सर उठा कर जियें !
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