मनिहारी उत्तरवाहिनी गंगा नदी सदियों से प्रसिद्ध है ! यह नदी मनिहारी (बिहार) तथा साहिबगंज (झारखण्ड) को एक सूत्र में बांधती है! वैसे तो यहाँ भक्तों का ताँता सालोभर लगा रहता है, लेकिन यहाँ माघी पूर्णिमा, बोलबम, छठ पूजा में इतनी भीड़ होती है कि यहाँ आने-जाने वाली साधनो की कमी पर जाती है! यहाँ नेपाल, पश्चिम बंगाल, जोगबनी, फॉरबिसगंज, राधिकापुर, किशनगंज, बारसोई, कटिहार तथा आस पड़ोस के तथा भारत के कई कोने से लोग यहाँ आते हैं!
माघी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, छठ पूजा में यहाँ के भीड़ को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है क़ि धार्मिक दृष्टी से इस नदी क़ि कितनी महत्ता है ! ऐसा माना जाता है की इस नदी में स्नान करने से किये गए पापों से मुक्ति मिलती है, और मन को शांति मिलती है ! मनिहारी (बिहार) तथा साहेबगंज (झारखण्ड) को जोड़ने वाली इस नदी पर पानीवाला जहाज (एल-सिटी) चलता है ! मनिहारी से साहेबगंज जाने के लिए भी इस नदी क़ि बहुत महत्व है ! वैसे तो इस नदी पे मनिहारी से साहेबगंज के बीच पुल बनाने क़ि मांग तो दशकों से चली आ रहा है जिससे क़ि साहेबगंज और मनिहारी के बीच क़ि दुरी और कम जायेगी, जहाँ एल-सिटी से जाने पर लगभग एक घंटा लगता है इससे यही अनुमान लगाया जा सकता है क़ि पुल बनने पर सीधे ही आधी समय लगेगी ! जब किसी का देहांत हो जाता हैं तो अंतिम संस्कार करने के लिए भी दूर-दूर लोग आते हैं ! हम तो बस यही कहेंगे क़ि यहाँ आप जरूर आयें क्योकि यहाँ स्नान करने से मन को कितनी शान्ति तथा शरीर की रोम रोम खिल पड़ता है !
आप यहाँ निजी वाहन, बस, रेल, टेम्पू से भी आ सकतें हैं ! यहाँ आने के लिए आपको कटिहार जंक्शन रेलवे स्टेशन आना होगा, जहाँ भारत के लगभग सभी कोने से रेलगाड़ी का आवागमन होता है, उसके बाद आपको मनिहारी के लिए रेलगाड़ी या कोई सवारी गाडी से 25 की०मी० दक्षिण क़ि ओर जाना है, बस आप पहुँच जायेंगे मनिहारी !
और हाँ जब आप मनिहारी आयें तो आप गंगा नदी के साथ-साथ पीर पहाड़ तथा गोगाबील झील जरूर देखें क्योंकि ये दोनों भी पर्यटन के लिए उचित स्थान है !
Team Welcome to Manihari
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